उत्तर- सुखदेव को लिखे पत्र में भगत सिंह कह रहे हैं
कि उन्हें फाँसी ही होगी। जब तक फाँसी नहीं हो रही, तब तक देश क्रांति के लिए तैयार तो होता रहेगा। हम देश के बारे में सोचते हैं।
भगत सिंह अपने बारे में नहीं सोचता। जब देश के भाग्य का निर्णय हो रहा हो तो व्यक्तियों के भाग्य का पूर्णतया भुला देना चाहिए। भगत सिंह के बारे में सोचना है।
भगत सिंह का कहना है कि परिवर्तन क्रांति के बिना नहीं हो सकता। हमें देश को आजाद कराना है। व्यक्ति या व्यक्ति विशेष की चिन्ता नहीं करनी है।
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