अंकों का होता है ये दोनों मंचों पर मंचित किए जाते हैं। ये दृश्यकाव्य कहलाते हैं।
मोहन राकेश रचित 'अंडे के छिलके और अन्य एकांकी', और 'पैर तले की जमीन' एकांकी /एकांकी संग्रह हैं। जबकि 'आषाढ़ का एक 'दिन', 'लहरों के राजहंस' और 'आधे-अधूरे', नाटक हैं।
ये सभी मंचों पर मंचित भी हुए हैं | यह भ्रम नहीं होना चाहिए कि एकांकी नाटक का संक्षिप्त संस्करण है । ये दोनों अलग-अलग विधाएँ (लेखन प्रकार) हैं। हाँ, दोनों संवादों को लेकर चलते हैं।
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