उत्तर-गाँधीजी किसानों की समस्या दूर करने के लिए चम्पारण आए थे। गाँधीजी ग्रामों की दुरवस्था को दूर करने में शिक्षा की महत्ता की भूमिका आवश्यक मानी ।

उन्होंने कहा कि जब तक ग्रामीण बच्चों की शिक्षा की व्यवस्था नहीं होगी तब तक केवल आर्थिक समस्याओं को सुलझाने से काम नहीं चलेगा। 

उन्होंने कहा कि वे चम्पारण में o lord of iiokkklo ग्रामीण विद्यालयों की स्थापना करना चाहते हैं।

थोड़े दिन बाद उन्होंने तीन गाँवों में आश्रम विद्यालय स्थापित किए बड़हरवा, मधुबन और भितिहरवा । 
कुछ निष्ठावान कार्यकर्ताओं को तीनों गाँवों में तैनात किया। वे कायकर्ता आए गुजरात और महाराष्ट्र से। 

बड़हरवा  का विद्यालय विदेश में शिक्षा प्राप्त इंजीनियर श्री बवनजी गोखले और उनकी विदुषी पत्नी अवंतिका बाई गोखले ने चलाया। साथ में देवदास गाँधी भी थे।

 मधुबन में गाँधीजी ने गुजरात से नरहरिदास पारिख 
और उनकी पत्नी तथा अपने सेक्रेटरी महादेव देसाई 
को भेजा। कुछ दिन आचार्य कृपलानी भी वहाँ रहे। 
बाद में वहाँ पुंडलीक जी गए। कस्तूरबा भी 
भितिहरवा आश्रम में रहीं।