उत्तर- चन्द्रधर शर्मा गुलेरी रचित 'उसने कहा था'
कहानी एक अमर कहानी है। शुद्ध प्रेम की आध्यात्मिक अनुभूति और उसकी स्वाभाविक उत्सर्गमय अभिव्यक्ति इस कहानी का कथ्य है।

लहना सिंह वीर सिपाही है। वह इस कहानी का 
प्रमुख पात्र और 1 नायक है । लहनासिंह सच्चा 
प्रेमी है। लहनासिंह बहादुर एवं निडर है। लहना 
सिंह कहता हैं-'मुझे तो संगीन चढ़ाकर मार्च का 
हुक्म मिल जाए फिर सात जर्मनों को अकेला 
मारकर न लौहूँ तो मुझे दरबार साहब की देहली
पर मत्था टेकना नसीब न हो।'


लहना सिंह ने लपटन । साहब को ढेर कर दिया। लहना सिंह चतुराई से भरा हुआ है। नकली लपटन साहब को तुरंत वह पहचान कर उसे ढेर कर दिया। लहना सिंह में दयालुता का भाव भी भरा हुआ है। वह सहानुभूतिपूर्ण व्यवहार करता है। 

भीषण सर्दी में भी अपने कंबल और जर्सी बीमार 
बोधा सिंह को दे देता है । लहना सिंह में वचनबद्धता
की भावना भी कूट-कूट कर भरी हुई है। सूबेदारनी ने लहना सिंह से अपने पति और बेटे के प्राणों की रक्षा करने की बात कही थी।

लहना सिंह ने उस एक वचन को निभाया और 
इसके बदले अपने अपने प्राण भी न्योछावर 
कर  दिए। लहना सिंह का प्रेम दिव्य प्रेम था । कर्त्तव्यशीलता उसमें भरी हुई थी।